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गौतम बुद्धांनी दिलेली उत्तरे. ..

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सात कोड्यांना गौतम बुद्धांनी दिलेली उत्तरे. .. 1) या जगात सगळ्यात टोकदार वस्तु कोणती? शिष्य : तलवार  गौतम बुद्ध : जीभ. 2 ) या जगात आपल्यापासून सगळ्यात दुर काय आहे? शिष्य : सुर्य. .चंद्र. .आकाशगंगा. . गौतमबुद्ध:भूतकाळ.. 3)या जगातील सगळ्यात मोठी गोष्ट कोणती? शिष्य :पर्वत..पृथ्वी. ..सुर्य. . गौतमबुद्ध:हाव... 4)पृथ्वीवरील सगळ्यात वजनदार वस्तू कोणती? शिष्य : पोलाद. .लोखंड..हत्ती. . गौतमबुद्ध: वचन.. 5) पृथ्वीवरील सर्वात हलकी वस्तु कोणती? शिष्य : कापूस. ..हवा...धुळ. .पाने.. गौतमबुद्ध: मी....आणि मी पणा... 6)पृथ्वीवरील माणसाच्या सगळ्यात जवळची गोष्ट कोणती? शिष्य :आईवडील. .मित्र..नातेवाईक. . गौतमबुद्ध:मृत्यू. ... 7) या जगात करता येण्यासारखी सगळ्यात सोपी गोष्ट कोणती? शिष्य :खाणे...पिणे...फिरणे... गौतमबुद्ध :आपल्याकडे असलेले ज्ञान इतरांसोबत शेयर करणे. ...

बुद्ध पौर्णिमेच्या मंगलमय शुभेच्छा

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बुद्ध पूर्णिमा के पावन मौके पर आपको मन की शांति मिले प्रेम और श्रद्धा के फूल हर दिन आपके मन में खिले बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाये ***** बुद्ध के ध्यान में मगन है सबके दिल में शांति का वास है तभी तो ये बुद्ध पूर्णिमा सबके लिए इतनी ख़ास है बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाये ***** बुद्ध पूर्णिमा का अवसर है ख़ुशी और साधना से घर भरा रहे जो भी आये आपके जीवन में दिल के करीब और प्यारा रहे बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाये ***** सच का साथ देते रहो अच्छा सोचो अच्छा कहो प्रेम धारा बनके बहो आपके लिए बुद्ध पूर्णिमा शुभ हो हैप्पी बुद्ध पूर्णिमा ***** दिल में नेक ख्याल हो और होंठो पर सच्चे बोल बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आपको शांति मिले अनमोल हैप्पी बुद्ध पूर्णिमा ***** हर दिन आपके जीवन में आये सुख, शांति और समाधान श्रद्धा और अहिंसा के दूत को आज तहे दिल से प्रणाम हैप्पी बुद्ध पूर्णिमा ***** मन में बसे सुख और शांति उन्नति के साथ मिले विश्रांति जीवन में भरा रहे ढेर सारा प्यार बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनायें हज़ार FROM HASAMUKH BAMBOLE CHANDRAPUR

बुद्ध जयन्ती कहां, कैसे मनाई जाती है ?

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बुद्ध जयंती को लेकर देशभर में उल्‍लास का माहौल देखा जा रहा है. भारत के अलावा कई अन्‍य देशों में भी बुद्ध के विचारों में आस्‍था रखने वाले लोग काफी उत्‍साहित हैं. बुद्ध जयंती से जुड़े कुछ महत्‍वपूर्ण तथ्‍य: -बुद्ध जयन्ती बौद्ध धर्म में आस्था रखने वालों का एक प्रमुख त्यौहार है. बुद्ध जयन्ती वैशाख पूर्णिमा को मनाया जाता है. पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध का स्वर्गारोहण समारोह भी मनाया जाता है. इस दिन पांच सौ तिरसठ ईसा पूर्व में बुद्ध का जन्म हुआ. इस पूर्णिमा के दिन ही बुद्ध ने चार सौ तिरासी ईसा पूर्व में अस्सी साल की आयु में, देवरिया जिले के कुशीनगर में निर्वाण प्राप्त किया था. भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण, ये तीनों एक ही दिन अर्थात वैशाख पूर्णिमा के दिन ही हुए थे. ऐसा किसी अन्य महापुरुष के साथ आज तक नहीं हुआ है. इस प्रकार भगवान बुद्ध दुनिया के सबसे महान पुरुष है. इसी दिन भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की भी प्राप्ति हुई थी. -बौद्ध धर्म को मानने वाले विश्व में पचास करोड़ से अधिक लोग इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए बुद्ध विष

बुद्ध पूर्णिमा 2018: जानें, शुभ मुहूर्त और महत्व

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बुद्ध पूर्णिमा 2018: जानें, शुभ मुहूर्त और  महत्व नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated Apr 27, 2018, 03:07 PM IST वैशाख  मास की पूर्णिमा इस साल 30 अप्रैल, सोमवार को है। इस दिन ही  भगवान बुद्ध  का जन्म हुआ था। इसी दिन बोधगया में पीपल के वृक्ष के नीचे उन्हें बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी और वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध ने गोरखपुर से 50 किलोमीटर दूर स्थित कुशीनगर में महानिर्वाण की ओर प्रस्थान किया था। दुनियाभर के बौद्ध गौतम बुद्ध की जयंती को धूमधाम से मनाते हैं...  इन देशों में भी मनायी जाती है बुद्ध पूर्णिमा   बुद्ध पूर्णिमा न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों में भी पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। श्रीलंका, कंबोडिया, वियतनाम, चीन, नेपाल थाईलैंड, मलयेशिया, म्यांमार, इंडोनेशिया जैसे देश शामिल हैं। श्रीलंका में इस दिन को 'वेसाक' के नाम से जाना जाता है, जो निश्चित रूप से वैशाख का ही अपभ्रंश है।  बुद्ध पूर्णिमा का महत्व   बुद्ध पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन स्नान करने से व्यक्ति के पिछले कई जन्मों के पापों से मु

बुद्ध जयंती से जुड़ी कुछ अनजानी पर महत्वपूर्ण बातें

 बुद्ध जयंती से जुड़ी कुछ अनजानी पर महत्वपूर्ण बातें एक अनोखा दिन बुद्ध पूर्णिमा सिर्फ बौद्ध धर्म का ही नही बल्कि पूरे भारत में मनाया जाने वाला पावन त्यौहार है | यह एक ऐसा अनोखा दिन है जिस दिन भगवान बुद्ध से जुडी तीनो महत्वपूर्ण तिथियों का मेल होता है - पहला उनका जन्म, दूसरा आज ही के दिन बोधगया में ज्ञान कि प्राप्ति और तीसरा स्वर्गारोहण समारोह भी मनाया जाता है ! एक अनोखा दिन इस दिन 563 ईसा पूर्व में बुद्ध का जन्म हुआ. इस पूर्णिमा के दिन ही बुद्ध ने चार सौ तिरासी ईसा पूर्व में 80 साल की उम्र में, देवरिया जिले के कुशीनगर में निर्वाणन प्राप्त किया था. भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण, ये तीनों एक ही दिन अर्थात वैशाख पूर्णिमा के दिन ही हुए थे. ऐसा किसी अन्य महापुरुष के साथ आज तक नहीं हुआ  यह दिन पवित्र माना जाता है बौद्ध धर्म को मानने वाले विश्व में पचास करोड़ से अधिक लोग इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए बुद्ध विष्णु के नौवें अवतार हैं, इसलिए हिन्दुओं के लिए भी यह दिन पवित्र माना जाता है. यह त्यौहार भारत,

बौध्द धर्म

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बौद्ध धर्म भगवान बुद्ध द्वारा स्थापित धर्म बौद्ध धर्म   भारत  की  श्रमण परम्परा  से निकला  धर्म  और महान  दर्शन  है। इसा पूर्व 6 वी शताब्धी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है। बौद्ध धर्म के संस्थापक  भगवान बुद्ध  है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में  लुंबिनी ,  नेपाल  और  महापरिनिर्वाण  483 ईसा पूर्व  कुशीनगर ,  भारत  में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पाँच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला और अगले दो हजार वर्षों में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया। बौद्ध धर्म की श्रेणी का हिस्सा बौद्ध धर्म का इतिहास ·  बौद्ध धर्म का  ।  ·  बौद्ध संस्कृति बुनियादी मनोभाव चार आर्य सत्य  · आर्य अष्टांग मार्ग  · निर्वाण  ·  त्रिरत्न  ·  पँचशील अहम व्यक्ति शाक्यमुनि बुध  · गौतम बुद्ध  ·  बोधिसत्व क्षेत्रानुसार बौद्ध धर्म दक्षिण-पूर्वी बौद्ध धर्म ·  चीनी बौद्ध धर्म ·  तिब्बती बौद्ध धर्म  · पश्चिमी बौद्ध धर्म बौद्ध साम्प्रदाय थेरावाद  ·  महायान ·  वज्रयान बौद्ध साहित्य त्रिपतक  ·  पाळी ग्रंथ संग्रह ·  व